हर आवाज़ के पीछे एक ख़ामोशी छुप्पी खड़ी है
तुम आवाज़ों को मत छोड़ना
बस आवाज़ों की लहरों पर तैरना सीख लो
यह आवाज़ें तुम्हे अपने आगोश मे लेकर
फिर से एक ख़ामोशी की दुनिया के दर्शन करा ही देगी
तुम आवाज़ों से मुक्त होने की जल्दी मत करना
बस तैरना जान लो, पीना सीख लो, और आवाज़ों की यात्रा पे निकलो
आवाज़ें तुम्हे कब से पुकार रही हैं
कब से तुम्हे अपने भीतर छुप्पी ख़ामोशी से मिलवाना चाह रही हैं
सुनो, और सुनो, बस सुनो
सुनो इन आवाज़ों में छुप्पी ख़ामोशी को
अपने भीतर और बाहर
बस यही एक मात्र सत्य है
यह ख़ामोशी, बस सुनो